किसान पुत्र को खून देकर किया मानवीय कार्य, परिजनों ने दी ढेरों दुआयें
बबलू चक्रबर्ती
एटा |
जनता की सुरक्षा का दायत्व निभाते समय पुलिस से हुई गलतियों पर भले लोग उंगलियाँ उठाते हो मगर खाकी लिबास ओढ़ मानवीय कार्य करने बाली इसी पुलिस के सराहनीय कार्यों को लोग न जाने क्यों अनदेखा कर देते हैं | कारण भले जो हों पर हैं ये गलत, क्योकि आज के इस कलयुगी दौर में मानवता अगर ज़िंदा हैं तो बस ऐसे लोगों की बजह से जो दूसरों के लिये निश्वार्थभाव से मुशीबत के समय में भी खड़े रहते हैं | ऐसा ही कुछ संदेश दिया हैं जनपद एटा की एक महिला सिपाही ने वो भी तब जब एक किसान का बेटा खून की कमी के चलते अस्पताल में भर्ती था, परिजन खून के लिये इधर उधर भटक रहे थे मगर खून था कि मिलने का नाम नहीं ले रहा था कि इसी दौरान जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट अवनेंद्र राजपूत ने मदद भावना से किसी जरूरत मंद मरीज को रक्तदान करने के लिये कई दिनों से उत्सुक महिला सिपाही को सूचना दी, सूचना मिलते ही किसान परिवार के लिये कृष्ण अवतार स्वरूपी कृष्णा अस्पताल पहुची और उसने बिना सोच बिचार किये एटा जिला अस्पताल में भर्ती जनपद कासगंज थाना सुनगड़ी के ग्राम मऊ निवासी किसान राजबहादुर के बेटे पुष्पेन्द्र को अपना खून देकर उसके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुये अस्पताल से निकल गयी|महिला सिपाही द्वारा दिये गये खून से जहां पुष्पेन्द्र के परिजनों के चेहरे खिल उठे साथ ही अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों और स्टाफकर्मियों के साथ पुष्पेन्द्र के परिजनों ने इस कार्य की जमकर सराहना की और उन्होंने त्याग की देवी महिला पुलिसकर्मी कृष्णा को जीवन में सदेव तरक्की करने जेसी अनेकों दुआयें दी | हालांकि मुशीबत से जूझते एक किसान के पुत्र को अपना खून देकर कृष्णा ने साबित कर दिया कि रिश्ते भले खून के न हो लेकिन इंसान के अंदर इंसानियत होनी चाहिए जो सभी रिश्तों से बढकर होती हैं और इसी सोच को लेकर कृष्णा ने अजनबी होते हुये भी अस्पताल में खून की कमी से ग्रस्त इस किसान परिवार से अपना खून देकर इंसानियत और मानविय रिश्ता जोड़ा | जानकारी लेनें पर कृष्णा चौधरी बताती हैं कि वे मूल रूप से मथुरा जनपद के एक किसान परिवार से ही हैं जो 2018 बेच की महिला सिपाही हैं और जनपद एटा के थाना रिजोर में तेनात हैं | पिता संजीव सिहं के उच्च संस्कारों को ग्रहण करके मानविय कार्य करने बाली उनकी पुत्री की सोच सदेब जनसेवा करना हैं और इसी सोच को लेकर कृष्णा ने पुलिस की नौकरी करना पसंद किया, बरहाल मथुरा के इस कृष्णा ने अपना रक्तदान करके लोगों का दिल जीत लिया |
सम्बंधित खबर पढ़ें अपने जनप्रिय समाचार पत्र मनसुख टाइम्स में भी .....
बबलू चक्रबर्ती
एटा |
जनता की सुरक्षा का दायत्व निभाते समय पुलिस से हुई गलतियों पर भले लोग उंगलियाँ उठाते हो मगर खाकी लिबास ओढ़ मानवीय कार्य करने बाली इसी पुलिस के सराहनीय कार्यों को लोग न जाने क्यों अनदेखा कर देते हैं | कारण भले जो हों पर हैं ये गलत, क्योकि आज के इस कलयुगी दौर में मानवता अगर ज़िंदा हैं तो बस ऐसे लोगों की बजह से जो दूसरों के लिये निश्वार्थभाव से मुशीबत के समय में भी खड़े रहते हैं | ऐसा ही कुछ संदेश दिया हैं जनपद एटा की एक महिला सिपाही ने वो भी तब जब एक किसान का बेटा खून की कमी के चलते अस्पताल में भर्ती था, परिजन खून के लिये इधर उधर भटक रहे थे मगर खून था कि मिलने का नाम नहीं ले रहा था कि इसी दौरान जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट अवनेंद्र राजपूत ने मदद भावना से किसी जरूरत मंद मरीज को रक्तदान करने के लिये कई दिनों से उत्सुक महिला सिपाही को सूचना दी, सूचना मिलते ही किसान परिवार के लिये कृष्ण अवतार स्वरूपी कृष्णा अस्पताल पहुची और उसने बिना सोच बिचार किये एटा जिला अस्पताल में भर्ती जनपद कासगंज थाना सुनगड़ी के ग्राम मऊ निवासी किसान राजबहादुर के बेटे पुष्पेन्द्र को अपना खून देकर उसके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुये अस्पताल से निकल गयी|महिला सिपाही द्वारा दिये गये खून से जहां पुष्पेन्द्र के परिजनों के चेहरे खिल उठे साथ ही अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों और स्टाफकर्मियों के साथ पुष्पेन्द्र के परिजनों ने इस कार्य की जमकर सराहना की और उन्होंने त्याग की देवी महिला पुलिसकर्मी कृष्णा को जीवन में सदेव तरक्की करने जेसी अनेकों दुआयें दी | हालांकि मुशीबत से जूझते एक किसान के पुत्र को अपना खून देकर कृष्णा ने साबित कर दिया कि रिश्ते भले खून के न हो लेकिन इंसान के अंदर इंसानियत होनी चाहिए जो सभी रिश्तों से बढकर होती हैं और इसी सोच को लेकर कृष्णा ने अजनबी होते हुये भी अस्पताल में खून की कमी से ग्रस्त इस किसान परिवार से अपना खून देकर इंसानियत और मानविय रिश्ता जोड़ा | जानकारी लेनें पर कृष्णा चौधरी बताती हैं कि वे मूल रूप से मथुरा जनपद के एक किसान परिवार से ही हैं जो 2018 बेच की महिला सिपाही हैं और जनपद एटा के थाना रिजोर में तेनात हैं | पिता संजीव सिहं के उच्च संस्कारों को ग्रहण करके मानविय कार्य करने बाली उनकी पुत्री की सोच सदेब जनसेवा करना हैं और इसी सोच को लेकर कृष्णा ने पुलिस की नौकरी करना पसंद किया, बरहाल मथुरा के इस कृष्णा ने अपना रक्तदान करके लोगों का दिल जीत लिया |
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